साल 2022 में निगम की सत्ता से बीजेपी को बेदखल करने वाली आम आदमी पार्टी ने चौथे साल के मेयर चुनाव में बीजेपी को मौका दे दिया क्योंकि नंबर गेम में आप नीचे खिसक गई। ऐतिहासिक निगम की घटना है जब विपक्ष का मेयर बनेगा और सत्ता धारी विपक्ष में होंगे।
साफ है दिल्ली नगर निगम चुनाव में बीजेपी का मेयर और डिप्टी मेयर लगभग तय हो चुका है।
भाजपा ने दो सीनियर पार्षदों को मौका दिया। साफ है दिल्ली नगर निगम दर्जन भर समितियों में भी भाजपा पार्षदों को मौका मिलेगा। आम आदमी पार्टी के मेयर चुनाव में उम्मीदवार पेश नहीं करने पर ट्रिपल इंजन की सरकार बननी लगभग तय हो गया है।
दिल्ली बीजेपी के मेयर उम्मीदवार राजा इकबाल सिंह और उपमेयर के तौर पर जय भगवान यादव नामांकन के आखिरी दिन उम्मीदवारी पेश करेंगे लेकिन बिना चुनाव दोनों का निर्विरोध चुना जाना तय है। लेकिन कांग्रेस उम्मीदवारों का ऐलान करेगी या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा। बीजेपी के पास पर्याप्त बहुमत है।
स्थायी समिति से लेकर शिक्षा डेम्स और निर्माण समिति में बीजेपी के वरिष्ठ पार्षदों को मौका मिलेगा तो वहीं वार्ड समितियां के अध्यक्ष और डिप्टी चेयरमैन का चुनाव में भी बीजेपी बाजी मार जाएगी। आपको बता दें कि भाजपा को 7 जोन में बहुमत है।
महापौर और उप महापौर की चुनाव में यह होते हैं वोटर
पार्षद, मनोनीत विधायक, लोकसभा सांसद राज्यसभा सांसद
भाजपा के पास कुल संख्या 135 है जिसमें 117 पार्षद 11 विधायक और 7 लोकसभा सांसद वोट करेंगे वहीं आम आदमी पार्टी के पास संख्या बल सिर्फ 119 है जिसमें 113 पार्षद तीन राज्यसभा सदस्य और तीन विधायक वोट करेंगे । कांग्रेस के पास संख्या बल सिर्फ 8 है
रास नहीं आया अमेरिका, लौट आए दिल्ली

शांत स्वभाव, धार्मिक प्रवृत्ति और हर रोज गुरुद्वारे जाने वाले
नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह जब निगम में तीन भाग था तब उत्तरी दिल्ली के महापौर रह चुके हैं। साल 2018 में जोन अध्यक्ष बने। बहुत कम लोग जानते हैं कि राजा अमेरिका में पहले व्यापार कर रहे थे लेकिन वहां मन नहीं लगा तो काम धंधा दिल्ली में सेटल करने को विवश हो गए। पत्नी शिक्षक हैं। साल 2017 और 2022 में निगम पार्षद का चुनाव जीते। बहुत कम बोलने वाले राजा इकबाल दमदारी से नेता विपक्ष के तौर पर आम आदमी पार्टी को ढाई सालों से निगम सदन में अलग अलग मुद्दों पर घेरते रहे।
साहिब सिंह वर्मा के कहने पर छोड़ी थी निगम शिक्षक की नौकरी
शिक्षकों के नेता के तौर पर मशहूर जयभगवान यादव भी उप नेता प्रतिपक्ष हैं। राजा इकबाल की अपेक्षाकृत भी कम बोलने वालों में जय भगवान का नाम शुमार होता है जो दिल्ली देहात की समस्याओं को निगम में उठाते रहे हैं।

कहा जाता है कि महापौर पद के प्रत्याशी जय भगवान यादव कभी निगम में शिक्षक हुआ करते थे और शिक्षकों के नेता थे पूर्व मुख्यमंत्री साहब सिंह वर्मा के कहने पर वह नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए एक बार उनकी पत्नी पार्षद रही जबकि दूसरी बार वह खुद पार्षद हैं।
सूत्रों ने बताया कि दर्जन भर से ज्यादा आम आदमी पार्टी के पार्षद पाला बदल के चक्कर में है तो दूसरी तरफ बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि दिल्ली को लूटने वाले कांग्रेस और आप अब निगम में अ घोषित गठबंधन कर सकते हैं।