दिल्ली नगर निगम की सियासत में तीसरे मोर्चे यानि इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी (आईवीपी) के नेताओं के सियासी कदम आम आदमी पार्टी के लिए एक सियासी चक्रव्यूह की रचना में जुटे हैं। आम आदमी पार्टी से टूटकर बने इस गुट ने एलजी और सीएम से मिलकर ना केवल वार्डों के लिए फंड की मांग की वजह ये कि आम आदमी पार्टी ने नगर निगम की सत्ता में रहते हुए जनता के काम कराने का कोई प्रयास नहीं किया। जिसकी वजह से विभिन्न वार्डों की हालत खराब है।
पार्टी के निगम पार्षदों का प्रतिनिधि मंडल गुरूवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना एवं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से मिला। मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में इंडस्ट्री फूड एंड सप्लाई मिनिस्टरनेचाओं के साथ मनजिंदर सिंह सिरसा एवं गृह, पॉवर एवं शिक्षा मंत्री आशीष सूद से भी मुलाकात हुई।
प्रतिनिधि मंडल ने उपराज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से मांग की कि अधिकारियों को तुरंत दिशानिर्देश जारी किये जायें कि पार्टी के निगम पार्षदों के वार्डां के लिए तुरंत बजट की व्यवस्था करते हुए बीते ढाई वर्ष से ठप पड़े जनता से जुड़े कार्यों को शुरू कराया जाये। प्रतिनिधि मंडल में शामिल नेताओं में इंद्रप्रस्थ विकास पार्टी के नेता और वरिष्ठ निगम पार्षद मुकेश गोयल के साथ हेमचंद गोयल, दिनेश कुमार, मनीषा जसवीर कराला, सुमन अनिल राणा, उषा शर्मा, रूनाक्षी शर्मा, राजेश कुमार, साहिब कुमार, राखी यादव, अशोक पांडे, कमल भारद्वाज, लीना कुमार, हिमानी जैन, देवेंद्र कुमार, बॉबी किन्नर शामिल हुए।
आम आदमी पार्टी के पिछले ढाई वर्ष के दिल्ली नगर निगम के शासनकाल में जनता से जुड़े कार्य पूरी तरह से ठप पड़े हैं। जिसकी वजह से आम लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पार्कों का रखरखाव, सड़कों-नालियों का निर्माण एवं मरम्मत से लेकर सफाई व्यवस्था तक का बुरा हाल है। ‘हमारी कोशिश है कि किसी एक पार्टी के नाकारेपन की वहज से दिल्ली की जनता की सुविधा से जुड़े काम प्रभावित नहीं हों। हमने दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से मांग की है कि वह दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को आदेश जारी करें कि हमारी पार्टी के निगम पार्षदों के वार्डों के लिए फंड की व्यवस्था करते हुए तुरंत विकास कार्यों को शुरू करायें।’
आईवीपी नेता, मुकेश गोयल