एक दिन पहले ही दिल्ली विधानसभा में पेश हुए एजुकेशन बिल को लेकर दिल्ली विधानसभा के पास अलग ही मंजर दिखाई दिया। कई अभिभावक दिल्ली विधानसभा के पास इकट्ठा हुए और और दिल्ली स्कूल फीस नियमन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन किया। अभिभावक पिछली फीस वृद्धि में संशोधन की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शन के कारणं के बारे में बताते हुए एक अभिभावक ने कहा नया विधेयक स्कूल फीस में पिछले वृद्धि के बारे में या या उसे वापस लेने के प्रावधानों का अभाव है।
उस प्रावधान पर भी चिंता जताई है जो 15% अभिभावकों की सहमति से फीस बढ़ाने की अनुमति देता है, इसे अलोकतांत्रिक और अपर्याप्त बताते हुए विरोधी अभिभावकों ने सरकार से फीस नियमन विधेयक को वापस लेने की अपील कर दी।

वहीं दिल्ली विधानसभा में दिल्ली स्कूल फीस रेगुलेशन बिल को लेकर ‘थैंक यू रैली’ भी निकाली गई। आम आदमी पार्टी इसे सेलेक्ट कमेटी में भेजने की बात कही।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बिल के विरोध प्रदर्शन पर कहा कि “AAP इस प्रक्रिया को डिले करना चाहिती हैं, जो वह लोग दस साल में नहीं कर पाए, वह हमने चार महीनों में कर दिया। मुझे पक्का पता है कि आम आदमी पार्टी से जुड़े कुछ एनजीओ अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। मेरी पैरेंट्स से अपील है कि वे ऐसे बहकावे में न आएं।”
कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा बीजेपी एक के बाद एक एंटी पीपल बिल ला रही है। बिना सलाह किए संरक्षण के नाम पर कानून ठोक देती है। जैसे किसानों से सलाह बिना ही उनके लिए कानून लागू कर दिया। 1 साल तक जब वह सड़कों पर बैठ प्रदर्शन करते रहे फिर किसान बिल वापस ले लिया। नाराज पैरंट्स ने अपनी परेशानियां दिखाने का काम किया। बीजेपी ने पब्लिक डोमेन में कानून को रखा नहीं। ऐसे में सलाह करके अगर बिल बनता तो ठीक होता। आज भारतीय जनता पार्टी अपनी सोच लोगों पर थोपने का काम कर रही है