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दिल्ली सरकार का प्राइवेट स्कूलों को बड़ा फरमान

छात्रों को यूनिफॉर्म और किताबें खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं प्राइवेट स्कूल

छात्रों से यूनिफॉर्म, किताबें और लेखन सामग्री खरीदने के लिए शुल्क नहीं ले सकते हैं निजी स्कूल: दिल्ली शिक्षा विभाग

दिल्ली में बीजेपी की सरकार बनाने के बाद दिल्ली के शिक्षा, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने दिल्ली के हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का संकल्प पूरा करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।


दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने वाले छात्रों पर यूनिफॉर्म, किताबें और अन्य लेखन सामग्री खरीदने के लिए दबाव डालने और छात्रों से पैसे वसूलने की शिकायत मिलने पर शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने सभी निजी स्कूलों को सख्त चेतावनी दी । मंत्री ने बताया कि छात्रों और उनके माता-पिता से मिली शिकायतों को देखते हुए दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने 24 मार्च को राष्ट्रीय राजधानी के सभी प्राइवेट स्कूलों को सख्त आदेश जारी किया है। जिसके मुताबिक शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 के तहत ईडब्ल्यूएस और अन्य छात्रों यूनिफॉर्म, किताबें और सभी अध्ययन सामग्री को तयशुदा वेंडर से जबरदस्ती खरीदने के लिए निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं।


आशीष सूद ने बताया कि प्राइवेट स्कूलों को निर्देश इसलिए जारी करना पड़ा क्योंकि दिल्ली सरकार को छात्रों से यूनिफॉर्म और किताबें किसी विशेष दुकानदार से खरीदने के लिए बाध्य करने की कई शिकायतें मिल रही थी। कई निजी स्कूल बच्चों को ज़रूरी सामान देने के लिए अभिभावकों से पैसे की भी मांग कर रहे हैं, जबकि ऐसी हर गतिविधि को रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान हैं।
छात्रों को वर्दी, किताबें और जरूरी सामग्री की शिकायत मिलने पर शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश जारी किया है और स्कूलों को साफ चेतावनी दे दी गई है कि कानून का पालन नहीं करने पर दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम (DSEAR), नियम 1973 और BNS के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


दिल्ली शिक्षा निदेशालय को सभी जिला और क्षेत्रीय शिक्षा अधिकारियों को गाइडलाइंस की निगरानी के साथ ही अभिभावकों द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत का तुरंत समाधान करने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर दिशा-निर्देशों को प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया है। अभिवावकों को शिकायत दर्ज करवाने के लिए एक श्री मनीष जैन उप शिक्षा निदेशक को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। साथ ही एक हेल्पलाइन नंबर – 9818154069 और ईमेल आईडी — ddeact1@gmail.com भी जारी किया है।


शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि दिल्ली सरकार हर बच्चे को उनकी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के अपने संकल्प पर अडिग है। अगर कोई स्कूल ईडब्ल्यूएस कोटे ओर सामान्य वर्ग के छात्रों के अधिकारों का उल्लंघन करेगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग दोषी पाए जाने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के साथ यह भी सुनिश्चित करेगा की प्राइवेट स्कूलों को दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी नियम-कानून और प्रावधानों का अक्षरशः पालन करना ही होगा।


सभी निजी स्कूलों को किताब, शिक्षा सामग्री और अन्य आवश्यक सामग्री की एक सूची जारी करनी होगी। यह सूची सभी छात्रों और अभिभावकों के लिए सुगमता से उपलब्ध होगी ।
मंत्री महोदय ने आगे बताया कि यह सूचना स्कूल के नोटिस बोर्ड पर और ऑफिशल वेबसाइट पर भी दी जाएगी कोई भी स्कूल यदि इस सूचना की अवहेलना करता हुआ पाया गया तो उसके अगेंस्ट कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी

शिक्षा मंत्री ने बताया कि स्कूल और उसके प्रिंसिपल यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी छात्र को अतिरिक्त शिक्षा सामग्री जो उनके प्रस्तावित करिकुलम में शामिल नहीं है उसको खरीदने के लिए प्रेशर नहीं बनाएंगे। स्कूल निर्धारित शिक्षा नीतियों का पालन करेंगे।
मंत्री महोदय ने यह भी बताया कि सभी स्कूल आने वाले सत्र के लिए प्रस्तावित किताब और लेखन सामग्री कक्षा के अनुसार की लिस्ट स्कूल की वेबसाइट पर डिस्प्ले करेंगे साथ ही स्कूल यूनिफॉर्म की स्पेसिफिकेशन भी डिस्प्ले करेंगे।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस संबंध में 9 बिंदुओं की एक गाइडलाइंस जारी की गई है इसका दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूलों को सख्ती से पालन करना होगा।

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