दिल्ली पुलिस ने बाकायदा सीनियर सिटीजन सेल बना रखा है बावजूद इसके आए दिन बुजुर्गों के साथ ठगी, लूट और हत्या जैसी वारदात हो जाती है। द्वारका नॉर्थ थाना इलाके बुजुर्ग दंपति के सामने मायूसी और लाचारी के सिवा कुछ नही दिख रहा। पीड़ित बुजुर्ग दंपति की पुलिस रिपोर्ट नहीं लिख रही थकहारकर जंतर-मंतर पर प्रदरेशन करने पहुंचने पर पुलिस उठा ले गई। अब तो हालत ये है कि जंतर मंतर पर जाते ही पुलिस उठा लेती है। मामला कुछ यूं है….
द्वारका सेक्टर 14 के कौटिल्य अपार्टमेंट में रहने वाले बुजुर्ग दंपति न्याय पाने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं। आरोप है कि बुजुर्ग दंपति के साथ मारपीट और लूटपाट की गई। पुलिस को सूचना देने के बाद भी अब तक मुकदमा कायम नही हुआ और थक हारकर दंपति ने जंतर मंतर पर धरना दिया वावजूद इसके थाने के SHO तो छोड़िए उच्च अधिकारियों ने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की।
जगदीश गुलिया और उनकी पत्नी शकुंतला देवी (तस्वीर में) के मुताबिक 26 फरवरी को कुछ लोगों ने उनके घर में घुसकर और मारपीट की और हमले में उनके बेटे राहुल को भी चोटें आईं। आरोपियों ने घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, नकदी और गहने भी चुरा लिया। संगीन आरोप है कि द्वारका नॉर्थ थाने में शिकायत दर्ज करने और मेडिकल जांच के बाद भी पुलिस ने FIR दर्ज करने से इनकार कर दिया। दंपति ने यह भी कहा कि द्वारका जिला पुलिस उपायुक्त को भी इस मामले की सूचना दी गई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यही वजह है कि पीड़ित पीड़ित बुजुर्ग दंपति ने 1 अप्रैल से जंतर मंतर पर धरना देने का फैसला कर लिया फिर पुलिस पर आरोप लगाते हुए पीड़ित ने कहा कि थाना अध्यक्ष ने उन्हें गिरफ्तारी की धमकी दी और घर से बाहर निकलने से रोक दिया। 100 नंबर पर पीसीआर कॉल करने पर उन्हें फिर थाने ले जाया गया पूछताछ की गई और वापस घर भेज दिया गया। बुजुर्गों का कहना है कि थाने से निकलने के बाद वह जंतर मंतर पर धरना देने पहुंचे लेकिन फिर भी सुनवाई नहीं हुई। 2 अप्रैल को फिर वह जंतर मंतर पर पहुंचे लेकिन पुलिस ने धरना नहीं देने दिया जबकि उन्होंने पहले से धरने की सूचना दी थी सूत्रों ने बताया कि हमलावर पीड़ित पक्ष के करीबी रिश्तेदार हैं।