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आठवीं विधानसभा का दूसरा सत्र खत्म, एक नज़र में पढ़िए दिल्ली विधानसभा में अब तक क्या- क्या हुआ….?

विधान सभा का दूसरा सत्र 24 मार्च 2025 को शुरू होकर 02 अप्रैल 2025 को सदन अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कुल 07 बैठके हुईं। और  सदन की कार्यवाही 27 घंटे 56 मिनट तक चली। इस दौरान वार्षिक बजट पेश किया गया और पास किया गया, सीएजी की 06 रिपोर्ट पेश की गई।

वार्षिक बजट

मुख्यमंत्री ने एक लाख करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट 25 मार्च 2025 को वार्षिक बजट पेश किया। 26 और 27 मार्च 2025 को बजट पर 07 घंटे 13 मिनट तक चर्चा हुई।

प्रश्न काल

लंबे अंतराल के बाद, सदन में प्रश्न काल शुरू किया गया, जो कार्यपालिका की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए विधायिका का एक महत्वपूर्ण अंग है। सचिवालय को प्रश्नों के 384 नोटिस मिले। इनमें से 80 को तारांकित और 282 को अतारांकित प्रश्नों के रूप में स्वीकार किया गया। नियमों के अनुसार 20 प्रश्नों को अस्वीकार कर दिया गया और 02 प्रश्नों को एक साथ जोड़ दिया गया। 80 तारांकित प्रश्नों में से 28 प्रश्नों और 66 अनुपूरक प्रश्नों (Supplementary Questions) के उत्तर मंत्रियों ने सदन में दिए।

28 मार्च 2025 को स्पीकर ने निर्देश दिए कि अब से ‘आरक्षित विषयों’ (Reserved Subjects) से संबंधित प्रश्नों के नोटिस को उनकी विषय-वस्तु को ध्यान में रखते हुए, केस-टू-केस आधार पर स्वीकार किया जाएगा। जो प्रश्न उकसाने वाले और प्रक्रिया का दुरुपयोग करते प्रतीत होंगे, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा। साल 2023 में माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार ‘सेवाओं’ (Services) का विषय, अब ‘आरक्षित विषय’ नहीं है। इसलिए अब इनसे संबंधित प्रश्नों को स्वीकार किया जाएगा और उनका उत्तर दिया जाएगा।

विशेष उल्लेख (नियम-280)

सचिवालय को नियम-280 के तहत विशेष उल्लेख के लिए 267 नोटिस प्राप्त हुए। इनमें से 78 मामले सदन में उठाए गए।

विपक्षी सदस्यों ने सदन में विवाद करने और कार्यवाही में व्यवधान पैदा करने के लिए, जानबूझकर एक जैसे विषयों पर समान नोटिस दिए। दिल्ली विधानसभा में विशेष उल्लेख के संबंध में राज्यसभा के नियमों का पालन किया जाता है। राज्यसभा नियमों के नियम 180 बी (ii) के अनुसार, यह प्रावधान किया गया है कि विशेष उल्लेख का विषय किसी ऐसे मामले से संबंधित नहीं होगा, जो मुख्य रूप से सरकार से संबंधित विषय नहीं है। इसके अलावा, नियम 180 बी (iii) के अनुसार यह किसी ऐसे मामले से संबंधित नहीं होगा, जो सत्र में पहले ही चर्चा किए जा चुके मामले के समान हो। सचिवालय को ये बता दिया गया कि  ऐसे मामलों को अनुमति न दी जाए, जो दोहराए गए हों या जो संगठित व्यवधान पैदा करने का प्रयास हों।

सी.ए.जी. रिपोर्ट

तत्कालीन दिल्ली सरकार के वर्ष 2021-2022 और 2022-2023 के वित्त खाते और विनियोग खाते तथा दिल्ली परिवहन निगम और वाहन प्रदूषण पर माननीय मुख्यमंत्री ने सी.ए.जी. की 06 रिपोर्ट सदन के पटल पर प्रस्तुत की। 26 सदस्यों ने इन रिपोर्टों पर चर्चा में भाग लिया। चर्चा 05 घंटे 32 मिनट तक चली।

स्पीकर का आरोप है कि विपक्षी सदस्यों ने इन चर्चाओं में भाग नहीं लिया। जिन रिपोर्टों को उन्होंने कई सालों तक दबा कर रखा था।

लोक लेखा समिति (पीएसी) और सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति (सीओजीयू) का गठन किया जा चुका है जो रिपोटों की गहन जांच करने के बाद तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश कर देंगी।

दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से ‘ऑडिट पैरा मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल’ को तुरंत लागू करने के लिए कहा है ताकि सी.ए.जी. के पैराज पर कार्रवाई की टिप्पणियों Action Taken Notes की प्रभावी ढंग से निगरानी की जा सके।

समितियों के समक्ष लंबित मामलों को आगे न बढ़ाने का प्रस्ताव

पिछली अर्थात सातवीं विधानसभा ने 04 दिसंबर 2024 को आयोजित अपनी बैठक में, इस बारे में तीन प्रस्ताव पारित किये थे कि, विशेषाधिकार समिति, याचिका समिति और प्रश्न एवं संदर्भ समिति के अधूरे कार्यों की जांच आठवीं विधानसभा की संबंधित समितियों द्वारा नियम-183 के तहत की जाए। अधिकांश शिकायतें तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के सदस्यों द्वारा दिल्ली सरकार के अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई थीं। यदि शिकायतें वास्तविक थीं तो समितियों को इन मामलों की बिना किसी देरी के जांच करनी चाहिए थी और सदन को रिपोर्ट देनी चाहिए थी। इसके विपरीत इन समितियों के समक्ष कुछ मामले कई वर्षों तक लंबित रहे और उनकी जांच के लिए कोई बैठक नहीं हुई। 27 मार्च 2025 को अभय वर्मा, मुख्य सचेतक ने इन मामलों को आगे न बढ़ाने के लिए प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया।

प्रस्ताव (नियम-107)

डेटा एंट्री ऑपरेटरों के संबंध में सदस्यों के वेतन, भत्ते और सुविधाओं के मुद्दों पर विचार करने के लिए मुख्य सचेतक अभय वर्मा की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की एक समिति गठित की गई।

ध्यानाकर्षण (नियम-54)

सदन ने 01 अप्रैल 2025 को दिल्ली के कुछ हिस्सों में कथित रूप से लगातार बिजली कटौती के संबंध में ध्यानाकर्षण के नोटिस पर विचार किया गया। आप विधायक कुलदीप कुमार ने इस संबंध में नोटिस दिया लेकिन जब इस विषय पर सदन में विचार किया गया, उस समय कुलदीप कुमार सदन में मौजूद ही नहीं थे। कुल 08 सदस्यों ने 58 मिनट तक अपने विचार व्यक्त किए।

अल्पकालिक चर्चा (नियम-55)

दिनांक 01 और 02 अप्रैल 2025 को दिल्ली में पानी की कमी, जलभराव, सीवरेज अवरुद्ध होने और नालों की सफाई के मुद्दे पर चर्चा की। 02 सदस्यों ने इस चर्चा में भाग लिया और 52 मिनट तक चर्चा हुई और प्रवेश वर्मा ने उत्तर दिया।

गैर-सरकारी सदस्यों के संकल्प (नियम-89)

28 मार्च 2025 को सदन ने विधायक अशोक गोयल द्वारा नई गौशालाओं का निर्माण और आवारा पशुओं और गायों के लिए मौजूदा गौशालाओं का उचित रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।”

प्रबोधन कार्यक्रम

18 और 19 मार्च 2025 को लोकसभा सचिवालय के सहयोग से सदस्यों के लिए प्रबोधन कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया

नेवा (राष्ट्रीय ई विधान एप्लीकेशन) का कार्यान्वयन

दिल्ली विधानसभा में नेवा को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि सदस्यों और अधिकारियों के लिए मॉड्यूल के अलावा हम मीडिया डेस्क भी स्थापित करेंगे। शुरुआत में, हम समाचारों के तेजी से प्रसार के लिए मीडिया कर्मियों के उपयोग के लिए इंटरनेट और प्रिंटिंग सुविधा वाले 25 कंप्यूटर लगाएंगे।

सौर ऊर्जा

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा परिसर में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए 100 दिनों का लक्ष्य रखा है अभी 100 किलोवाट क्षमता वाले दो सौर ऊर्जा संयंत्र हैं। कुल ऊर्जा आवश्यकता लगभग 600 किलोवाट है

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