दिल्ली सरकार एक हरित और सुरक्षित राजधानी सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। पर्यावरण एवं वन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा के निर्देशानुसार पर्यावरण विभाग ने Delhi Preservation of Trees Act (DPTA), 1994 की धारा 33 के तहत वृक्ष अधिकारियों को धारा 8 के क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि धारा 8 के अनुसार बिना वृक्ष अधिकारी की अनुमति किसी भी पेड़ को काटना, हटाना या नष्ट करना मना है। लेकिन आपातकालीन स्थिति में, जब पेड़ जान-माल या यातायात के लिए खतरा बनता है, तो RWAs, ज़मीन मालिक एजेंसी, व्यक्ति या जिम्मेदार एजेंसी बिना अनुमति के कार्रवाई कर सकते हैं, बशर्ते 24 घंटे के भीतर इस कार्रवाई की रिपोर्ट वृक्ष अधिकारी को दें।
- दिल्ली सरकार ने DPTA के तहत ट्री ऑफिसर के लिए SOP जारी किए हैं ताकि जनता की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
- DPTA 1994 की धारा 8 के तहत खतरनाक पेड़ों की त्वरित छंटाई या कटाई की अनुमति दी गई है, जिसमें दुरुपयोग रोकने के लिए सख्त रिपोर्टिंग नियम लागू हैं।
- आपात स्थिति में पेड़ों से सम्बंधित किसी भी स्थिति में तुरंत कार्रवाई के लिए धारा 8 के तहत ट्री ऑफिसर को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली सरकार के वन और वन्यजीव विभाग की जारी गाइडलाइन में ऐसी सामान्य स्थितियों को बताया गया है जहाँ पेड़ों की तुरंत छंटाई या कटाई जरूरी हो सकती है। जैसे कि सड़क, पुल, नालियां या सीवर लाइन बंद करना; भवन या धरोहर संरचनाओं को नुकसान पहुंचाना; मेट्रो या रेलवे संरचनाओं में बाधा उत्पन्न करना; या सूखे, मृत या झुके हुए पेड़ जो गिरने का खतरा रखते हों।
ऐसी स्थिति में, संबंधित एजेंसी, व्यक्ति या आवासीय सोसायटी तुरंत आवश्यक कार्रवाई कर सकती है, लेकिन उसे 24 घंटे के भीतर कम से कम तीन अलग-अलग कोणों से फोटो, भू-स्थान (geo-coordinates), कार्रवाई का कारण और कार्रवाई के बाद की तस्वीरें DPTA के e-Forest पोर्टल (https://dpta.eforest.delhi.gov.in) पर अपलोड कर रिपोर्ट करना अनिवार्य होगा। वृक्ष अधिकारी द्वारा अधिनियम के तहत वैध माना जाएगा। वृक्ष अधिकारी खुद भी निरीक्षण या फील्ड दौरे के दौरान खतरे देखे जाने पर कार्रवाई कर सकते हैं।
पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, “दिल्ली सरकार जनता की सुरक्षा और भलाई के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। साथ ही, हम दिल्ली की हरित संपदा को संरक्षित रखने के लिए समर्पित हैं। ये SOPs सही संतुलन स्थापित करते हैं—जो खतरनाक पेड़ों का सही समय पर देखरेख हो सके , इसके साथ ही और पूरी पारदर्शिता एवं जवाबदेही भी सुनिश्चित हो।”
ये SOPs केवल वास्तविक आपात स्थिति में जिम्मेदार और समयबद्ध कार्रवाई को सरल बनाने के लिए बनाए गए हैं। किसी भी गलत इस्तेमाल या गलत रिपोर्टिंग पर कानून सम्मत कार्रवाई की जाएगी।