स्थायी समिति में नामांकन की आज 19 सितंबर 2024 को अंतिम दिन पर
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति के 18 वे सदस्य के लिए वार्ड 158 भाटी माइन से भाजपा के पार्षद सुंदर सिंह और वार्ड 112 सुभाष नगर से AAP की पार्षद निर्मला कुमारी ने आज गुरुवार को अपने अपने वरिष्ठ नेताओं के साथ निगम सचिव कार्यालय में नामांकन किया।
बता दें कि एमसीडी की सामान्य सभा की बैठक गुरुवार, 26 सितम्बर 2024 को आयोजित की जाएगी। इस बैठक का मुख्य एजेंडा स्थायी समिति में कमलजीत सेहरावत के सांसद बनने के बाद अचानक खाली हो गई थी। 18 सदस्यों वाली स्थाई समिति के मेंबर में सदन से स्थायी समिति में मेंबर में 3 आम आदमी पार्टी के मोहम्मद आमिल मलिक, मोहिनी और रामिंदर कौर हैं जबकि भाजपा के 2 सदस्य गजेंद्र सिंह दराल और पंकज लूथरा सदस्य हैं। यानी सदन से चुने जाने वाला ये 6th सदस्य होगा।
कोई भी प्रत्याशी 26 सितंबर को होने वाली बैठक में चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले किसी समय चुनाव से अपना नामांकन वापस ले सकता है
दिल्ली नगर निगम का एक्ट यह कहता है कि अगर किन्ही वजह से समिति सदस्य की जगह खाली हो जाती है तो एक महीने के अंदर नए मेंबर का चुनाव करना जरूरी हो जाता है मेयर की परमिशन मिल गई है लिहाजा स्टैंडिंग कमेटी मेंबर के सदस्य का चुनाव करने के लिए 26 सितंबर को सदन की बैठक बुलाई गई है
जोन में आप और बीजेपी की स्थिति
निगम में इस समय 249 निगम पार्षद हैं। बीजेपी के 112 आम आदमी पार्टी के 128 और कांग्रेस के 9 निगम पार्षद हैं. एमसीडी के 12 जोन में से बीजेपी को 7 और आम आदमी पार्टी का 5 जोन में कब्जा है। फिलहाल सदन से टोटल पांच मेंबर हैं उनमें से आपके तीन और बीजेपी के दो सदस्य हैं सभी जोन से चुने गए मेंबरों की संख्या को मिला दिया जाए तो इस समय भाजपा के 9 और आपके आठ सदस्य हैं।
आप और बीजेपी का अगला राजनीतिक अखाड़ा सबसे बड़ी पावरफुल कमेटी स्टैंडिंग बनेगी
स्टैंडिंग कमेटी के इस 18 मेंबर के चुनाव में आम आदमी पार्टी और बीजेपी की नजर है और क्रॉस वोटिंग का जबरदस्त खतरा है हालांकि आम आदमी पार्टी का बहुमत है लिहाजा उसका ही मेंबर चुना जा सकता है सकता है। अगर मान भी ले तो आम आदमी पार्टी का 18 में से 9 मेंबर हो जाएंगे बीजेपी के पहले से ही 9 मेंबर हैं लिहाजा टॉस या फिर पर्ची निकालकर इसका फैसला होगा। अगर बीजेपी के पक्ष मेंआया पावरफुल कमेटी में उसका कब्जा हो जाएगा। कब दिल्ली नगर निगम की स्थिति और ज्यादा दिक्कत भारी हो जाएगी किसी भी परियोजना और प्रोजेक्ट को पास करना एक टेढ़ी खीर होगी क्योंकि अगर सदन में आम आदमी पार्टी का बहुमत है तो स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी के अध्यक्ष बन जाने के बाद कमेटी से पास हो जाने के बाद किसीप्रोजेक्ट को सदन से पास करवाना एक टेढ़ी खीर होगी
स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य का चुनाव प्रेफरेंशियल वोटिंग के आधार पर होता है ठीक राज्यसभा की तरह। सभी पार्षद प्रत्याशियों को प्रेफरेंस के आधार पर वोट करते हैं। जिसे प्रेफरेंशियल बट ज्यादा मिलता है वही विजई घोषित होता है। आम आदमी पार्टी के बहुमत के नाते यह माना जा रहा है कि प्रेफरेंशियल वोटिंग में उसका ही सदस्य जीत सकता है। बीजेपी ने अपनेप्रत्याशी को उतारकर आम आदमी पार्टी को वॉक ओवर नहींदिया है
